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धर्मांतरण के मुद्दे पर आगाह करने बालोद में मातृ शक्ति सुरक्षा मंच ने 300 बेटियों और माताओं को पाची सिनेमा में दिखाया केरला स्टोरी फिल्म , पुलिस ने अभिव्यक्ति ऐप की उपयोगिता भी बताई

बालोद। बालोद के मातृशक्ति सुरक्षा मंच के द्वारा 10 मई बुधवार को निशुल्क केरला स्टोरी फिल्म पाची सिनेमा में दिखाई गई। इसके लिए लगभग 300 बेटियों और बहनों और माताओं को आमंत्रित किया गया था। उन्हें संगठन की ओर से निशुल्क टिकट पास दिया गया। इस फिल्म को दिखाने का उद्देश्य खासतौर से बेटियों को लव जिहाद और धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर जागरूक करना था। फिल्म देखने पहुंची महिलाओं में काफी उत्साह रहा। वही फिल्म शुरू होने से पहले पुलिस प्रशासन के द्वारा सभी को अभिव्यक्ति ऐप के बारे में भी जानकारी दी गई। इसका कैसे इस्तेमाल करना है? पुलिस इस ऐप के जरिए आपका लोकेशन ट्रेस करके कैसे आपकी मदद कर सकती है? यह सब उन्हें बताया गया। मौके पर ही सभी के मोबाइल में ऐप डाउनलोड करा कर इसके इस्तेमाल के बारे में शार्ट प्रशिक्षण भी दिया गया। वहीं फिल्म से सबक लेने की नसीहत भी दी गई।

ये है केरला स्टोरी फिल्म की कहानी

कहानी की शुरुआत होती है, जांच अफसरों से घिरी फातिमा उर्फ शालिनी उन्नीकृष्णन (अदा शर्मा ) से, जो अपने भयावह और दर्दनाक अतीत की दास्तां बयान करते हुए कहती है, मैंने आईएसआईएस कब ज्वाइन किया, ये जानने के लिए ये जानना जरूरी है कि कैसे और क्यों ज्वाइन किया। फिर शुरू होती है बैक स्टोरी जहां चार छात्राएं केरल के कासरगोड में एक नर्सिंग स्कूल में एडमिशन लेती हैं, जिसमें शालिनी अपनी रूममेट्स गीतांजलि (सिद्धि इदनानी), निमाह (योगिता बिहानी) और आसिफा (सोनिया बलानी) के साथ एक रूम शेयर करते हुए गहरी दोस्त बन जाती हैं।

शालिनी, गीतांजलि और निमाह आसिफा के खौफनाक इरादों से पूरी तरह नावाकिफ है।असल में आसिफा के पास अपने रूममेट्स को अपने परिवार और धर्म से दूर ले जाकर और इस्लाम में परिवर्तित करने का एक गुप्त एजेंडा है। इसके लिए वो अपने दो नकली भाइयों का सहारा लेती है और ऐसा जाल बिछाती है कि लड़कियों को कट्टरपंथी बनाया जाए। उनका ब्रेन वॉश करने के लिए उन्हें नशे की दवाइयां दी जाती हैं, परिवार के प्रति नफरत और धर्म को लेकर अविश्वास पैदा किया जाता है। इतना ही नहीं शालिनी को अपने प्यार के जाल में फंसाने वाला रमीज उसे गर्भवती कर देता है। समाज के डर से शालिनी इस्लाम क़ुबूल कर लेती है, किसी अनजान मर्द से निकाह कर भारत छोड़ कर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रास्ते सीरिया भाग निकलती है। आगे का सफर शालिनी के लिए और भी भयानक साबित होता है, यहां इंडिया में उसकी दोनों सहेलियों गीतांजलि और निमाह को भी नर्क से गुजरना पड़ता है।

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