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दुर्घटनाओं पर रोकथाम के लिए युवा कांग्रेस ने पुलिस अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन, मिला व्यवस्था सुधारने का आश्वासन

युवाओं ने यातायत दशा सुधारने और कार्यवाही नहीं होने पर चक्का जाम की बात कही

बालोद। हाल ही में हुए खप्परवाड़ा में हुई सड़क हादसे से 4 मौत के बाद युवा कांग्रेस ने आंदोलन की चेतावनी और व्यवस्था सुधारने की मांग करते हुए एसपी जितेंद्र यादव को ज्ञापन सौंपा। युवा कॉन्ग्रेस नेता साजन पटेल ने यातायात व्यवस्था सुधारने पर बात रखी और कहा कि जो दुखद घटना हुई उस पर कड़ी कार्यवाही की जाए। तेज रफ्तार गाड़ियों में नियंत्रण लगाया जाए। बसों के सामान्य रफ्तार चलाने और नाबालिग के गाड़ियों चलाने पर कार्रवाई,
नशा पान करके गाड़ी चलाने वालों पर कार्रवाई की जाए। मामले को संवेदनशीलता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने संबंधित अधिकारी को बुलाकर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए और मजबूत आश्वासन दिए कि कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।
शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर 15000 से 20000 तक का जुर्माना और बालोद जिले से प्रवेश करने वाले और आवगमन करने वाली बड़ी गाड़ियों में हैवी लाइसेंस की चेकिंग और स्पीड गवर्नर लगाने की संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया गया।
इस कार्यक्रम में युवा कांग्रेस बालोद के पदाधिकारी संदीप साहू, दीपकचोपड़ा, दिनेश्वर साहू ,देवेंद्र कुमार साहू , लक्की सिन्हा ,नावेद खान, दानिशखान ,फैजअली, सेखगुलाम ,जय निर्मलकर ,राजा पिल्ले, अरशदअली , सावेश मनोज मंडावी, सन्नी नेताम, मोहनीश पारकर नूतन साहू वेदव्यास यादव आदि शामिल थे।

मौत बनकर दौड़ती है रात में बड़ी गाड़ियां

ज्ञात हो कि लगातार बालोद से दल्ली राजहरा मार्ग हो या फिर दुर्ग मार्ग हो हैवी गाड़ियों की वजह से दुर्घटनाएं होती है और कई लोगों की जान भी जा चुकी है। खासतौर से माइंस की गाड़ियां मौत बनकर सड़क पर दौड़ती नजर आती है। इस पर किसी तरह के ठोस कार्रवाई ना होने से वाहन चालकों के हौसले बुलंद है। पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। लेकिन नाममात्र की कार्यवाही होने से इस तरह के हादसों पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं लग पा रहा है।

नियम कायदों को दिखाते हैं ठेंगा

माइंस के गाड़ियां हो चाहे बाहर की ट्रेवल्स कंपनी की बड़ी बसें, नियम कायदे को ठेंगा दिखाकर दौड़ती हैं। ओवरटेक करने और ज्यादा माल ढोने के चक्कर में वे यातायात नियमों को दरकिनार कर रहते हैं। तो वही संबंधित विभाग के द्वारा ठोस कार्यवाही ना होना भी संदेह पैदा करता है।

स्थानीय यूनियन का रहता है सपोर्ट पर बाहर की गाड़ियां बन रही दुर्घटना का कारण

बालोद शहर में ट्रक यूनियन तो लगातार यातायात नियमों का पालन करता रहा है और सुरक्षित ढंग से गाड़ी चलाने के अपने ड्राइवर्स को समय-समय पर कड़े निर्देश देते रहे हैं। लेकिन ज्यादातर दुर्घटनाएं जो हो रही है उनके पीछे बाहर की गाड़ियां शामिल है। खासतौर से कच्चे भानूप्रतापपुर की ओर से आने वाली माइंस की ट्रकों की वजह से लगभग हर माह कोई न कोई मौत या बड़ा हादसा होता रहा है। विगत दिनों चार की मौत से मामला अब ज्वलंत मुद्दा बनता जा रहा है। ऐसे में युवा कांग्रेस ने एसपी को ज्ञापन देकर इस पर कड़ी कार्यवाही और ऐसे हादसों को रोकने स्थाई हल निकालने की मांग की है।

तेज रफ्तार और शराब सेवन है हादसे की मूल वजह

अधिकतर घटनाओं का प्रमुख कारण वाहन चालकों का तेज रफ्तार में चलना और शराब पीकर गाड़ी चलाना है। रात में बेसुध होकर नशे में ट्रक चालक सड़कों पर गाड़ियां दौड़ाते हैं। आगे पीछे कौन सी गाड़ी आ रही है उसका भी उन्हें ध्यान ही रहता। अंधे मोड़ पर भी वे धीमी गति से वाहन ना चलाकर तेज रफ्तार से निकालते हैं और इसी तरह की लापरवाही के चलते हादसे होते हैं। इससे राहगीरों और अन्य वाहन चालकों की जान मुसीबत में बनी रहती है।

इन बिंदुओं पर सौंपा गया पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन

साजन पटेल सहित विभिन्न युवाओं ने एसपी को ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने बताया है कि – विगत कुछ दिनों से कच्चे माईंस की ट्रकों द्वारा जो दुर्घटनाएं हो रही है। 21 फरवरी को जो सड़क दुर्घटना हुई है जिसमें हमारे बालोद के प्रतिष्ठित परिवार के माँ और पुत्र की मौके पर ही मृत्यु हो गई है। रानीतराई के निवासी की भी मृत्यु हो गई। इस मामले में ट्रक मालिक एवं ड्रायवर के विरूद्ध कड़ी से कार्यवाही की जाए। जितनी भी कच्चे माइंस की ऑयरन रोल वाली ट्रकें हैं उनमें अनिवार्य रूप से’ स्पीड गवर्नर होना चाहिए। जितनी भी ट्रकें जो बालोद से होकर गुजरती है उनके ड्रायवरों का हैवी लाईसेंस की एवं नशे की जाँच की जाए। जितनी भी बसें चलती है उनमें भी अनिवार्य रूप से स्पीड गवर्नर होना चाहिए और उनका फिटनेस भी होना चाहिए। बालोद स्थित मधु चौक जो कि मुख्य चौक है जहां 04 स्कूल और 05 बैंक है वहां से भी बसें तेज रफ्तार से चलती है उन पर भी अंकुश लगाया जाए । उक्त मुख्य शिकायतों पर जल्द से जल्द उचित कार्यवाही करने की जाए। कार्यवाही नहीं होने की दशा में उग्र आंदोलन कर चक्काजाम करने पर मजबूर होंगे।

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