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जिले के स्कूलों के रसोइयों ने स्कूल शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन

बालोद। छत्तीसगढ़ स्कूल मध्यान्ह भोजन रसोईया संयुक्त संघ छग के द्वारा कलेक्टर गार्डन रायपुर में प्रदेश स्तरीय बैठक रखी गई। जिसमें बालोद जिले के रसोईया संघ के पदाधिकारी भी शामिल हुए। बैठक के उपरांत स्कूल शिक्षा मंत्री के नाम से ज्ञापन भी सौंपा गया और अपनी मांगे रखी गई। मांग पूरी ना होने की स्थिति में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। उक्त बैठक और ज्ञापन में शामिल बालोद जिले से रसोईया संघ के सचिव प्रमोद यादव ने बताया कि बैठक और ज्ञापन में रसोईया संघ का तीन सूत्रीय मांगे हैं। जो निम्न है। रसोईयों को कलेक्टर दर पर राशि दिया जाए।बिना कारण निकाल बाहर किया जाता है इस पर रोक लगाई जाए। रसोईयों को नियुक्ति पत्र जारी किया जाए। इन मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से हड़ताल रैली करने के बाद भी सरकार मांगों को पूरा नहीं कर रही है। इस पर रणनीति बनाकर विचार विमर्श किया गया। इसके पश्चात संघ के माध्यम से आबकारी मंत्री कवासी लखमा एवं कुनकुरी विधायक जशपुर यू डी मिंज से मुलाकात की है। इस दौरान मंत्री के द्वारा कहा गया है कि,1 मार्च और,6 मार्च को विधायक दल की बैठक है। उस बैठक में मुख्यमंत्री से आप लोगों का मांग को लेकर सभी विधायकों के द्वारा बजट में शामिल करने के लिए कहेंगे। उक्त आश्वासन के पश्चात मंत्री श्री लखमा एवं कुनकुरी विधायक जशपुर यूडी मिंज के माध्यम से शिक्षा मंत्री प्रेम साय टेकाम से रसोईया प्रतिनिधि मंडल को मुलाकात कर मांगों लेकर बात रखी ।जिन्होने कहा कि बजट सत्र में मांग रखी जाएगी।
मुलाकात करने बाद रसोईया प्रतिनिधि मंडल ने निर्णय लिया है कि अगर विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव नहीं लिया गया तो आगे हड़ताल किया जाएगा।

 

सामान्य काम सामान्य वेतनमान देने की मांग

शिक्षा मंत्री के नाम से दिए ज्ञापन में कहा गया है कि 1995 से मध्यान्ह भोजन योजनातर्गत स्कूल शिक्षा विभाग प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में पढ़ने वाले बच्चों को अनवरत रूप से जारी रखने हेतु मध्यान्ह भोजन योजना वर्षो से जारी है। मध्यान्ह भोजन रसोईया कर्मचारियों को जिनके ऊपर स्वादिष्ट भोजन पकाने व खिलाने का कार्यभार निर्धारित है, वर्षों से 15 रूपये से लेकर काम करते आ रहे है। वर्तमान में 50 रुपये प्रतिदिन की दर से काम कर रहे हैं। रसोईया का कार्य पाठशाला खुलने से लेकर पाठशाला बंद होने तक चलता है। पूर्णकालिक 6 घंटा कार्य दिवस होने के बावजूद न तो शासकीय नियमित कर्मचारी माना जाता है और न ही न्यूनतम मिलता है, जिसमें जीवनयापन करना दुर्लभ हो गया है। अतः मंत्री से निवेदन है कि 05 मार्च को हाई कोर्ट का फैसला दिया गया है कि स्कूल मध्यान्ह भोजन रसोईया को प्रतिमाह 9180 रूपया दिया जाए। उसका भी पालन हो।

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