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कसडोल विधायक शकुंतला पर लगाया प्रदेश के तहसीलदारों ने दबंगई का आरोप, निंदा प्रस्ताव पारित कर दिया चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी

बालोद। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के अंतर्गत आने वाले तहसीलदार और नायब तहसीलदार सोमवार को बालोद कलेक्टर कुलदीप शर्मा को ज्ञापन सौंपकर कसडोल विधायक शकुंतला साहू के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। विधायक पर धमकी देने का आरोप लगाए गए हैं। जिस पर संघ द्वारा निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। विधायक पर कार्यवाही की मांग के साथ अपनी अन्य मांगों को लेकर तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने 19 अप्रैल से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है। संघ के बालोद अध्यक्ष परमेश्वर मंडावी, उपाध्यक्ष मनोज कुमार भारद्वाज, नितिन ठाकुर सहित राजश्री पांडेय ,चांदनी देवांगन और अन्य सदस्यों ने बताया कि

तहसीलदार पलारी निलमणी दुबे, डिप्टी कलेक्टर अंशुल वर्मा एवं राजस्व निरीक्षक प्रीतम चंद्राकर द्वारा दिनांक 29 मार्च 2023 को अवैध रेत परिवहन करते हुए एक हाईवा पर छ.ग. गौण खनिज अधिनियम के तहत कार्यवाही की गयी थी। जिसके एक घंटे पश्चात विधायक कसडोल शकुंतला साहू द्वारा तहसील ऑफीस पहुचकर ट्रांसफर कराने की धमकी एवं दुर्व्यवहार किया गया। अवैध रेत परिवहन पर विधिवत की गयी कार्यवाही को भी रोकने का दबाव बनाया गया एवं अवैध माईनिंग को संरक्षण देते हुए 03 घंटे के अंतर्गत तहसीलदार पलारी का स्थानांतरण आदेश राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी कर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, रायपुर संलग्न किया गया जो अनुचित एवं एकपक्षीय कार्यवाही है. इससे समस्त राजस्व विभाग का मनोबल गिरा है तथा कानून का उल्लंघन कर अवैध माईनिंग करने वालों का हौसला बढ़ेगा। उक्त ट्रांसफर की कार्यवाही का छ.ग. कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ईकाई बालोद घोर निंदा करता है।

यह है संघ की मांग

पलारी तहसीलदार नीलमणि दुबे की स्थानांतरण पर रोक लगाई जाए। व्याप्त वेतन विसंगति दूर की जाए। नायब तहसीलदार को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा दिया जाए। डिप्टी कलेक्टर पद पूर्व अनुपात 50:50 अनुसार पदोन्नति का निर्धारण हो, समय अंतराल पूर्ण होने पर वेतन स्लैब अनुसार डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नति में लाभ दिया जाए, संसाधनों की पूर्ति, आवास की सुविधा मिले। प्रोटोकॉल, निर्वाचन भत्ता आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था दी जाए।

छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की सर्व कार्यकारिणी द्वारा लिए गए उक्त निर्णय अनुसार संघ उपरोक्त अनुसार दुर्भावनावश तहसीलदार पलारी की स्थानातरण की कार्रवाई पर रोक लगाने और उपरोक्त मांगों के संबंध में ज्ञापन दिया है। लिखित मांगों की पूर्ति हेतु 15 दिन के भीतर ठोस निर्णय लिए जाने की मांग की गई है। अन्यथा तहसीलदार और नायब तहसीलदार आंदोलन की रणनीति पर काम करेंगे। ध्यानाकर्षण करने हेतु 5 दिवस 19 अप्रैल से 23 अप्रैल तक बांह में काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। विरोध प्रदर्शन करने हेतु एक दिवस 24 अप्रैल को सामूहिक अवकाश लेकर सभी जिला में सांकेतिक हड़ताल कर कलेक्टर के माध्यम से पुनः मांग पत्र सौंप कर शासन को अवगत कराएंगे। मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में 1 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने का निर्णय लिया गया है।

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