छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा उमरादाह में स्थापित की गयी
बालोद-छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के ग्राम उमरादाह में बाफना परिवार द्वारा 2 एकड़ भूमि पर एक निशुल्क दिव्यांग स्कूल का निर्माण किया जा रहा है जहाँ पर मुखबधिर बच्चों को निशुल्क शिक्षा दिया जाएगा साथ ही उनके रहने हेतु हॉस्टल का भी निर्माण किया जा रहा है यह मुखबधिर स्कूल जो लगभग बन कर तैयार हो चुका है जो 1 अप्रैल से अस्तित्व में आ जायेगा और एडमिशन प्रकिया शुरू की जाएगी जो कि श्री पार्श्वनाथ दिव्यांग स्कूल के नाम से रहेगा, बालोद का बाफना परिवार यह पहल कर रहा है इसका संचालन सुल्तानमल सजनादेवी चैरिटेबल ट्रस्ट करेगी ।
इस स्कूल का नाम भगवान पार्श्वनाथ के नाम पर रखा गया है और नाम के अनुरूप इस स्कूल में भगवान पार्श्वनाथ की 30 फिट ऊंची (17 फीट पैडेस्टल और 13 फीट की प्रतिमा )बनाई गई है जो कि देखने लायक है इतनी बड़ी प्रतिमा छत्तीसगढ़ में कही देखने को नही मिलेगी यह प्रतिमा बालोद जिला मुख्यालय से 8 km दूर स्थित ग्राम उमरादाह में लगाई गई है जो की मेन रोड जो दुर्ग बालोद जाती है उस मेन रोड से यह ऊंची प्रतिमा दिखाई देती है । यह प्रतिमा राजेस्थान के जयपुर से बन कर आई है ।
यह प्रतिमा स्थापित करने के विषय पर जब इस सुल्तानमल सजनादेवी चैरिटेबल ट्रस्ट के जो डायरेक्टर है डॉ.मूलचंद बाफना जी बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उनके स्वप्न में तीन दिन तक लगातार भगवान पार्श्वनाथ जी की प्रतिमा उनको दिखाई दी तब उन्होंने गुरु महाराज को यह बात बताई की लगातार मुझे स्वप्न आ रहे तो क्या करना चाहिए तब गुरु महाराज ने कहा कि आप एक मूर्ति स्थापित कीजिये तब उन्होंने उस स्वप्न के आधार पर हु ब हु भगवान की प्रतिमा की स्कैच बनवाई और उस स्कैच के आधार पर राजेस्थान के जयपुर जा कर मूर्तिकार से यह प्रतिमा बनवाकर इसकी स्थापना यहां मुखबधिर स्कूल में करवाई ।
ट्रस्ट के मेंबर गौतम बाफना और अरुण बाफना से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि हमारा उद्देश्य कई ऐसे दिव्यांग बच्चे है जो साधन के आभाव में पढ़ाई नही कर पा रहे है ऐसे बच्चों को खोज कर उनको शिक्षा दिलाना ताकि वो शिक्षा से वंछित न रह जाये इसलिए हम यह मुखबधिर स्कूल का निर्माण कर रहे ।