शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्यवाही, नजरअंदाज करते रहे अफसर, सरकारी जमीन पर खड़ा हो गया अवैध मकान, डौंडी ब्लाक के इस इलाके का मामला
बालोद/ डौंडी। छ ग शासन एवं उच्चतम न्यायालय के आदेशों के बाबजूद अतिक्रमण कारियों द्वारा शासकीय जमीन पर निर्माण कार्य करा दिया गया है। प्रशासन की ढुलमुल नीति के कारण डौंडी ब्लॉक भर में अतिक्रमण कारियों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं। ब्लॉक के आवरी ग्राम पंचायत गौशाला के सामने मुख्य मार्ग पर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कारियों द्वारा अतिक्रमण कर करोड़ों रुपए के बारे न्यारे कर डाले हैं। लेकिन शासकीय अधिकारियों को मुख्य मार्ग में फैला अतिक्रमण नजर नहीं आता। प्राप्त जानकारी के अनुसार डौंडी से मात्र एक किमी दूर आवरीनाला से लगा करोड़ो की जमीन जिस पर पहले कभी शासन द्वारा ग्रामीणों तथा नागरिकों को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से वृक्ष रोपण कर लाखों की लागत से निर्माण कराया गया था। पर महत्वाकांक्षी लोगो द्वारा सर्वोच्चय न्यायालय व शासन के आदेशों को तबज्जो न देते हुए अब इस पर करोड़ो का निर्माण करा दिया गया है। निजी निर्माण कर शासन की करोड़ो की जमीन जिस पर आगामी दिनों में कोई बहुत बड़ी शासन की जन हित कारी परियोजना चालू की जा सकती थी उस पर पानी फेर दिया गया।
मामले को नजर अंदाज करते रहे अफसर
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मीडिया द्वारा जब उक्त मामले को प्राथमिकता के आधार पर उठाए जाने के बावजूद शासकीय अधिकारियों द्वारा मामलों को नजर अंदाज किया जाता रहा। तथा यह कहकर अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ते नजर आए कि हमें कोई जानकारी नहीं है। जब कई बार ग्राम वासियों द्वारा लिखित शिकायत दर्ज कराई तब भी प्रशासन की निंद्रा नही टूटी तथा अतिक्रमणकारी अवैध निर्माण कर्ता द्वारा शासकीय भूमि पर ब्लॉक के कुछ महत्वाकांक्षी भू माफियाओं ने शासकीय अधिकारियों तथा कर्मचारियों के साथ घालमेल कर करोड़ों के बारे न्यारे कर डाले। शासकीय अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने चंद चांदी के टुकड़ों की खातिर अपनी आंखें बंद कर अतिक्रमण कारियों को खुली छूट दे दी।
आदेश को भूमाफिया दिखा दिए ठेंगा
आदेशों को तबज्जो नहीं देते अधिकारी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शासन के निर्देशों को कोई तबज्जो नहीं देते। जनहित में जारी ऐसे निर्देशों को कूड़े दान के हवाले कर दिया जाता है अथवा ये आदेश फाईलों में दफन होकर रह जाते हैं। ऐसे आदेशों की जानकारी के अभाव में आम नागरिक भी प्रशासन से चाह कर भी अपना विरोध दर्ज नहीं करा पाते। जबकि किसी जागरूक नागरिक अथवा मीडिया के माध्यम से अतिक्रमण संबंधी मामले प्रशासन की जानकारी में लाए जाने के उपरांत भी अधिकारियों को एक ही तकिया कलाम याद रह जाता है कि हमें प्रकरण की जानकारी नहीं है। शिकायत मिलने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहता है नियम
सर्वोच्च न्यायालय तथा शासन के स्पष्ट आदेश सार्वजनिक स्थल, मार्ग, शासकीय भूमि पर सर्वोच्च न्यायालय तथा शासन के अधिनियम में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि सार्वजनिक स्थल, शासकीय भूमि में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य कराना असंवैधानिक है। इसके बावजूद भी यदि किसी व्यक्ति द्वारा निर्माण कार्य कराया जाता है तो अधिनियम के अनुसार अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा।